अब यहां वहां की
व्यर्थ की आशाएं छोड़ो।
जिसे तुम खोज रहे हो
वह तुम्हारे भीतर बैठा है।
तुम कहां दौड़े जा रहे हो?
आंख बंद करो,
अपने में डुबकी लगाओ!
व्यर्थ की आशाएं छोड़ो।
जिसे तुम खोज रहे हो
वह तुम्हारे भीतर बैठा है।
तुम कहां दौड़े जा रहे हो?
आंख बंद करो,
अपने में डुबकी लगाओ!
ये दुनिया क्षणभंगुर है!
और तुम यहाँ बड़े–बड़े सपने सजाए बैठे हो...
यहाँ जब तक तुम्हारे पैर जमेगें,
तब तक दुनिया से विदा होने का वक्त आ जाएगा...!
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